उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियों में जुटा आयोग
लखनऊ। उप्र की सियासत में पंचायत चुनाव 2026 को विधानसभा चुनाव 2027 का सेमीफाइनल माना जा रहा है। राजनीतिक दलों की नजर अब पूरी तरह ग्राम पंचायतों पर टिकी है। विपक्षी दलों के साथ-साथ एनडीए के घटक दल भी इस वार पंचायत चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरने की तैयारी कर रहे ।
इसी बीच पंचायतीराज विभाग की ओर से एक बड़ी अधिसूचना जारी की गई है, जिससे चुनावी तैयारियों का शंखनाद हो गया है। जिसमें अवगत कराया गया है कि इस बार 57697 ग्राम पंचायतों में ही चुनाव होंगे। इस वार शहरीकरण के कारण पिछले पंचायत चुनाव से 504 ग्राम पंचायतें घट गयी हैं।
क्यों कम हो गई 504 ग्राम पंचायतें
पंचायतीराज विभाग की अधिसूचना के अनुसार, इस वार राज्य में 57,695 ग्राम पंचायतों में चुनाव कराए जाएंगे। जबकि 2021 में यह संख्या 58,199 थी। यानी 504 ग्राम पंचायतें कम हो गई है। यह कमी मुख्य रूप से शहरीकरण के कारण आई है। कई ग्रामीण क्षेत्र अव शहरी निकायों में शामिल हो चुके है, जिससे ग्राम पंचायतों की संख्या में गिरावट आई हैं ।
इन जिलों में घटीं सबसे ज्यादा पंचायतें ?
देवरियाः 64 पंचायतें, आजमगढ़ः 47, प्रतापगढ़ः 45, अमरोहा और गोरखपुरः 21-21 पंचायतें, गाजियावादः 19, फतेहपुर : 18, अलीगढ़: 16, फर्रुखाबादः 14, पंचायतें कम । उत्तर प्रदेश के 36 जिलों में पंचायतों की संख्या में कमी दर्ज की गई है।
अप्रैल 2026 में संभावित चुनाव
माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव अप्रैल 2026 में कराए जा सकते हैं। चुनाव में 57,695 ग्राम प्रधान,
826 ब्लॉक प्रमुख और 75 जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाएंगे।
सीधे चुनाव पर मंथन
इस वार चुनावी प्रक्रिया में वड़ा वदलाव हो सकता है। अभी तक ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता रहा है, लेकिन अब इन पदों पर सीधा चुनाव कराने की मांग जोर पकड़ रही है।
ओमप्रकाश राजभर और आम आदमी पार्टी समेत कई दलों ने ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का जनता के वोट से चुनाव कराने की वकालत की है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि चुनावी खर्चे पर भी लगाम लगेगी। सरकार इस विषय पर प्रस्ताव तैयार करने पर विचार कर रही है।
राजनीतिक महत्व
पंचायत चुनाव को 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव का ट्रेलर कहा जा रहा है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल इसे गंभीरता से ले रहे है। ये चुनाव न सिर्फसत्ता के समीकरण तय करेंगे, बल्कि दलों की जमीनी पकड़ और संगठनात्मक क्षमता की भी परीक्षा वनेंगे।
मसलन यूपी पंचायत चुनाव 2026 में ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57,695 हो गई है। शहरीकरण इसका मुख्य कारण है। अप्रैल में होने वाले इस चुनाव को राजनीतिक दृष्टिकोण से वेहद अहम माना जा रहा है। साथ ही, चुनावी प्रणाली में बदलाव की चर्चाएं भी तेज हो चुकी है।
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